देखिए यह है हमारे जबड़े की हड्डी इसे कहते हैं mandible और ऊपर यह है हमारी maxillary bone, हमारे जो दांत होते हैं, इन्हीं हड्डियों के अंदर एक सॉकेट लाइक स्ट्रक्चर होता है, उसी के अंदर फिट रहते हैं, इन दोनों हड्डियों में पाए जाने वाले सॉकेट जिसमें teeth फीट होते हैं, उसे alveolar process कहते हैं, यह है mandibular alveolar process और यह है maxillary alveolar process.
देखिए हमारे ओरल कैविटी में जितने भी दांत पाए जाते हैं उन्हें चार भागों में बांट दिया गया है functions के आधार पर, इसके बारे में बचपन में हमने पढ़ाई भी किया है, एक होता है incisors जो की food को bite करने में मदद करता है, यह संख्या में 8 होते हैं. चार ऊपर की तरफ और चार नीचे की तरफ, उसके बाद हमारे मुंह के अंदर 4 canine दांत होते हैं, जो कि food को फाड़ने का काम करते हैं, बीच से दो भागों में तोड़ने के लिए, यह बिल्कुल ही हमारे incisor के बगल में पाए जाते हैं। यह बिल्कुल नुकीले होते है और संख्या चार होते हैं। कुछ-कुछ में तो यह बिल्कुल बाहर की ओर निकले हुए होते हैं।
तीसरे प्रकार का दांत जो हमारे socket में पाया जाता है, वह होता है प्रीमोलर टीथ, देखिए यह संख्या में 8 होते हैं और इनका काम क्या होता है कि यह हमारे फूड को crush और tear करने का काम करते हैं, बिल्कुल छोटे छोटे टुकड़ों में काटने का काम करते हैं।
उसके बाद हमारे मुंह में 12 मोलर टीथ होते हैं, जिनका काम यह होता है कि यह हमारे फूड को बिल्कुल ग्राइंड कर देते हैं। बिल्कुल महीन पीस कर देते हैं और जब यही महीन टुकड़े हमारे पेट में आते हैं, तो उनका पाचन आसानी से हो पाता है।
But सभी लोगो मे मोलर की संख्या 12 नही होती हैं। 21 से 25 साल के उम्र में व्यक्तियों को पीछे के 4 molar teeth निकलते हैं ऊपर नीचे दोनों में ही।
अध्ययन करने के लिए हमारे oral कैविटी को दो भागों में बांटा गया है. एक हमारा यह प्रॉपर ओरल कैविटी जो कि दांत के पीछे वाले हिस्से में होता green color वाला portion जो आप देख रहे हैं, और यह है ओरल वेस्टिब्यूल। जो हम अपने दांत के नीचे मसूड़े देखते हैं असल में वह दो भाग में बंटे होते हैं, सबसे नीचे वाला जो डार्क रेड है वह वेस्टिब्यूल कहा जाता है, और उसके ऊपर यह हल्का वाला भाग होता है, हमारा gingiva जिसे हिंदी में कहते हैं मसूड़े.
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हमारे मसूड़ों का काम यह होता है यह हमारे दांतो को बिल्कुल एक जगह पर tightly packed किए रहते हैं.
देखिए हमारे दांत के ऊपर जो सफेद रंग वाला हिस्सा हम देखते हैं, उसे इनेमल कहते हैं, और यह हमारे शरीर का सबसे कठोर भाग होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि दांत का पूरा का पूरा हिस्सा इतना कठोर होता है.
जैसे ही हम अपने दांत के अंदर की ओर जाएंगे यानी enamel वाले पार्ट से अंदर की ओर से, तो हम अपने दांत के dentin पार्ट को पाते हैं, जिसका काम ये होता है कि यह हमारे enamel को सपोर्ट करता है, और हमारे दांत को शेप में लाता है. यह इनेमल से थोड़ा कम कठोर होता है, mineral इस में कम होते हैं, इसीलिए ये less brittle होता है, और आसानी से तोड़ा जा सकता है।
और जब हम इस dentine के भी अंदर जाएंगे तब हम अपने दांत का सबसे soft हिस्सा पाएंगे, जिसे हमारे दांत का pulp कहते है इस pulp में ही हमारे दांत का ब्लड सप्लाई होता है, और इसमें nerves भी पाया जाता है। देखिये हमारे दांत के अंदर जो हमें दर्द महसूस होता है वह दांत के इसी पल्प में मौजूद नर्व के स्टिमुलेशन की वजह से ही हमें दर्द महसूस होता है।
देखें हम जो अपने दांत का हिस्सा जो हम देख पाते हैं, जो मसूड़ों के ऊपर होता है, उसे क्रॉउन कहते हैं। और जो हिस्सा मसूड़ों के अंदर हमारे mandible और maxila बोन के alveolar प्रोसेस के socket में रहता है, उसे दांत का रूट कहते हैं, जो हमारे मोलर और प्रीमोलर दांत होते हैं, उसके रूट कुछ इस तरीके से होते हैं, मतलब चार भाग में बंटे रहते हैं, और इनके चारों और एक बहुत ही पतली सी संरचना होती है, जिसे सीमेंटम कहते हैं। यही सीमेंटम हमारे दांत को बहुत ही tightly packed किया रहता है, alveolar प्रोसेस के सॉकेट में..
देखिये इस इमेज में आप ध्यान से रखेंगे तो आप पाएंगे कि जो चारों प्रकार के दांत हैं, उनके रूट… यह जो हिस्सा सॉकेट में धंसा रहता है, वह अलग अलग होता है, मोलर टीथ का रूट 4 भागों में बांटा रहता है, क्योंकि सरफेस एरिया में बड़ा होता है इसका और बाकी के 3 दांत premolar, incisor canine के root कुछ इस तरह नुकीले टाइप के होते हैं.