जैसा कि आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे क्षेत्र हिंदी बेल्ट के अंदर आते हैं और हिंदी का साहित्य पूरे विश्व में सबसे ज्यादा समृद्ध साहित्य है. जहां पर इतने बड़े बड़े कवि और लेखक हुए हैं जिन्होंने ऐसी ऐसी रचनाएं लिखिए जो विश्व में और कहीं पर भी नहीं है.
हिंदी में ऐसे ऐसे गद्य, पद्य, दोहे, छंद और संस्कृत के अंतर्गत श्लोक आते हैं. जो विश्व में हिंदी को सबसे ज्यादा समृद्ध भाषा बनाती है. इसीलिए हिंदी क्षेत्रों के रहने वालों में यह जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है कि आखिर हिंदी का सबसे बड़ा महाकाव्य कौन सा है.
सबसे बड़ा नाटक कौन सा है, एकांकी कौन सा है और यही चीज है जो यहां के लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हिंदी के साहित्य भी विश्व भर में छाए हुए हैं. आखिर विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य कौन सा है?
क्या वह किसी दूसरे भाषा का है या वह हिंदी का ही है. तो चलिए बिना किसी व्यर्थ की बातों किए हुए, बिना समय गवाएं, सबसे पहले से ही जानते हैं कि विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य कौन सा है…
vishwa ka sabse bada mahakavya –
विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य महाभारत है. जो कि भारत का भी सबसे बड़ा महाकाव्य स्वतः ही बन जाता है. महाभारत में कुल 1,00,000 से भी ज्यादा श्लोक हैं और जैसा कि आप जानते हैं कि महाकाव्य मतलब जिन्हें गाया जाता है.
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काव्य गीत स्वरूप जो होते हैं. इसलिए 1,00,000 दोहे को काव्य के रूप में कहना बहुत कठिन है. यह बहुत ज्यादा बड़ा होता है. माना जाता है कि महाभारत में कुल 18,00,000 से भी ज्यादा शब्द लिखे हुए हैं.
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जो कि विश्व में किसी भी काव्य में सबसे ज्यादा है. महाभारत को वेदव्यास जी ने लिखा था. इसमें एक ही परिवार के दो भाइयों कौरवों और पांडवों के बीच के झगड़े को दिखाया गया है.
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जिसका नेतृत्व श्रीकृष्ण ने किया है. इसके साथ-साथ महाभारत काव्य में कुछ अध्यात्म की बातें भी लिखी हुई हैं. जैसे जीवन के चार लक्ष्य को प्राप्त करना धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।