एक समय ऐसा था जब हम साइबर कैफे में जाकर कंप्यूटर (Computer kya hai) का इस्तेमाल किया करते थे और उससे पहले तो कंप्यूटर (What is computer in Hindi) केवल विशिष्ट लोगों के पास ही हुआ करते थे लेकिन आजकल यह एक रोजमर्रा की चीज़ बनकर रह गयी है। आजकल चाहे कोई भी काम हो वह शायद ही कंप्यूटर के बिना हो।
साथ ही यह है भी बहुत ही कमाल की चीज़ क्योंकि इसे बस अपना एक साथी इंटरनेट चाहिए और यह हमारे लगभग सभी काम कुछ क्लिक्स में ही कर देगा। तो यदि आप कंप्यूटर क्या है इसके बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो आज हम आपको कंप्यूटर के बारे में (Computer ki paribhasha) लगभग हर जानकारी देंगे। आइए जानते हैं कि आखिरकार यह कंप्यूटर है क्या।
कंप्यूटर क्या है (Computer kya hai) –
कंप्यूटर एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो दो चीज़ों के मिश्रण से बना होता है: हार्डवेयर व सॉफ्टवेर। यह दोनों चीज़े मिलकर ही एक कंप्यूटर का निर्माण करते हैं। इसके बाद यह हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही सभी कार्य करता है। यह कोई मनुष्य या जानवर ना होकर एक मशीन है, इसलिए इसमें हमारे निर्देशों का पालन करने का उत्तरदायित्व इन्हीं हार्डवेयर व सॉफ्टवेर की सहायता से किया जाता हैं। आइए एक-एक करके इन सभी चीजों के बारे में विस्तार से जाने।
कंप्यूटर शब्द का अर्थ (Computer word in Hindi) –
दरअसल कंप्यूटर एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है जो अंग्रेजी के कंप्यूट (COMPUTE) से बना है। इसमें कंप्यूट का अर्थ होता है गणना करना। हिंदी में इसका अर्थ संगणक होता है। इसी तरह कंप्यूटर के कुछ अन्य नाम अभिकलित्र, अभिकलक, परिकलक इत्यादि भी है। आम भाषा में इसे कंप्यूटर ही कहा जाता है।
कंप्यूटर किससे बना होता है? (Computer kaise banta hai) –
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कंप्यूटर दो चीज़ों के मिश्रण से बना होता है। जो होते हैं: हार्डवेयर व सॉफ्टवेर। आइए दोनों के बीच के अंतर को पहचाने।
कंप्यूटर में हार्डवेयर क्या होता है (Computer me hardware kya hai)
हार्डवेयर कंप्यूटर के वह अंग हैं जिन्हें हम देख सकते हैं और स्पर्श भी कर सकते हैं। जैसे कि सीपीयू, मॉनिटर, स्क्रीन, माउस, कीबोर्ड इत्यादि। यह सभी पार्ट्स कंप्यूटर के हार्डवेयर कहे जाएंगे।
कंप्यूटर में सॉफ्टवेर क्या होता है (Computer me software kya hota hai)
सॉफ्टवेर कंप्यूटर के वे अंग होते हैं जिन्हें हम देख तो सकते हैं लेकिन स्पर्श नही कर सकते हैं। यह कंप्यूटर के अंदर की हुई सेटिंग, कोडिंग, सॉफ्टवेर इत्यादि होते हैं। एक तरह से इन्हें कंप्यूटर का दिमाग कहा जा सकता हैं।
यदि आप आसान भाषा में समझना चाहे तो मनुष्य शरीर के सभी अंग हार्डवेयर कहे जाएंगे जबकि हमारा मन, मस्तिष्क या आत्मा को सॉफ्टवेर कहा जाएगा। बिना मस्तिष्क के हम कोई कार्य नही कर पाएंगे और एक तरह से निर्जीव कहलायेंगे। ठीक उसी प्रकार बिना सॉफ्टवेर के कंप्यूटर बस एक खाली डिब्बा कहलायेगा। इसलिए कंप्यूटर को बनाने में हार्डवेयर व सॉफ्टवेर दोनों का अहम योगदान होता है।
कंप्यूटर कैसे काम करता है (Computer kaise kam karta hai) –
चूँकि कंप्यूटर एक मशीन है और इसे काम करने के लिए एक निश्चित प्रणाली के तहत गुजरना होता है। उस प्रणाली को हम 3 भागों में विभाजित कर सकते हैं:
इनपुट (Input) —-> प्रोसेसिंग (Processing) —-> आउटपुट (Output)
आइए इन तीनों के बारे में विस्तार से जाने।

कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस (Computer me input device) –
जब हम कंप्यूटर को कोई निर्देश देते हैं जैसे कि कोई फाइल बनाना, वेबसाइट खोलना, गेम खोलना, प्रिंट करना इत्यादि तो वह इनपुट की श्रेणी के अंतर्गत आता है। यहाँ तक कि कंप्यूटर में एक शब्द भी लिखना या माउस से एक क्लिक भी करना इनपुट की श्रेणी के अंतर्गत आएगा। ध्यान रखे यह एक मशीन है जो हमारे द्वारा दिए गए हर निर्देश को इनपुट की श्रेणी के अंतर्गत लेगा।
कंप्यूटर में प्रोसेसिंग करना (Computer me processor kya hota hai) –
हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों को लेने के बाद कंप्यूटर उसे प्रोसेस करेगा। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए इनपुट को अपने मस्तिष्क (सॉफ्टवेर) को भेज देगा और उसके बाद उसका सॉफ्टवेर देखेगा कि हमने उसे क्या करने को कहा है। उसका सॉफ्टवेर ही पता लगाएगा कि हमने उसे प्रिंट करने को कहा है या कोई फाइल बनाने को या कुछ और करने को।
कंप्यूटर में आउटपुट होना (Computer me output device) –
अब जब कंप्यूटर हमारे द्वारा इनपुट ले लेगा और उसका मस्तिष्क उसे प्रोसेस भी कर लेगा तो अब उसे हमारे दिए गए निर्देशों का पालन भी तो करना होगा। तो हमने उसे जो भी निर्देश दिया है जैसे कि प्रिंट करना या फाइल बनाना या कुछ लिखना तो वह मस्तिष्क संबंधित सॉफ्टवेर या हार्डवेयर को उन निर्देशों का पालन करने को कहेगा।
उदाहरण के तौर पर आप कंप्यूटर पर एक फाइल को प्रिंट करने के लिए कहते हैं। तो कंप्यूटर आपके फाइल प्रिंट करने के निर्देश को एक इनपुट के तौर पर लेता है और फिर उसे मस्तिष्क को भेजता है। फिर कंप्यूटर हमारे निर्देश का पालन करने के लिए अपने प्रिंट करने के सॉफ्टवेर व प्रिंटर हार्डवेयर दोनों को कहेगा और आउटपुट के रूप में हमे फाइल प्रिंट की हुई मिल जाएगी।
कंप्यूटर के उपयोग (Computer ke upyog) –
कंप्यूटर पर हम कुछ सॉफ्टवेर इनस्टॉल करके इसका कई तरह से लाभ उठा सकते हैं। जैसे कि:
- कोई वर्ड फाइल बनाना हो और उसमे कुछ लिखना हो जैसे कि असाइनमेंट, काम से संबंधित जानकारी, कोई लेख या कुछ और।
- एक्सेल फाइल बनाकर उसमे हम अपने कामों की सूची, बिज़नेस का लेखा जोगा इत्यादि कई चीज़े कर सकते हैं।
- इसमें हम कई तरह के गेम खेल सकते हैं और अपना मनोरंजन कर सकते हैं।
- पेंट सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करके चित्र बना सकते हैं या पहले के किसी चित्र को एडिट भी कर सकते हैं।
- इसमें हम अपनी कई तरह की फाइल सेव करके रख सकते हैं जैसे कि अपने परिवार-दोस्तों की फोटोज, महत्वपूर्ण दस्तावेज इत्यादि।
इसके अलावा, यदि हम कंप्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट कर लेते हैं तो यह दुनिया का लगभग हर काम करने में सक्षम हो जाता है। उसके बाद हम बस कुछ क्लिक्स में अपना कोई भी काम घर बैठे कर सकते हैं।