कई लोग सिर दर्द की समस्या को माइग्रेन (Migraine kya hai) से जोड़ देते हैं लेकिन इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है। हालाँकि सामान्य सिर दर्द और माइग्रेन दोनों ही अवस्था में सिर दर्द ही होता है लेकिन माइग्रेन (Migraine in Hindi) के कुछ लक्षण इसे सामान्य सिर दर्द से अलग बनाते है।
यदि आप भी माइग्रेन क्या है और इसके क्या लक्षण होते है तथा इसका उपचार कैसे किया जा सकता है, इत्यादि के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से माइग्रेन के बारे में हर एक जानकारी देंगे। आइए जानते हैं कि आखिरकार यह माइग्रेन है क्या।
माइग्रेन क्या है (Migraine kya hai)
माइग्रेन हमारे सिर में होने वाला हल्का या तेज दर्द हो सकता है। यह जरुरी नही कि माइग्रेन में हमेशा तेज दर्द ही हो। साथ ही यह भी आवश्यक नही कि माइग्रेन का दर्द पूरे सिर में हो, बल्कि यह सिर के किसी हिस्से में भी हो सकता हैं। जैसे कि आपके आधे सिर में ही माइग्रेन का दर्द हो रहा है और बाकि का आधा सिर एकदम सामान्य है।
माइग्रेन के प्रकार (Migraine types in Hindi)
माइग्रेन के मुख्यतया दो प्रकार होते हैं:
- नॉन क्लासिक माइग्रेन: इसमें माइग्रेन की समस्या कुछ दिनों के अंतराल में उठती हैं और वह भी सामान्य तौर पर। यदि आपको भी माइग्रेन की समस्या हैं तो यह कुछ दिनों के अंतराल में या सप्ताह या महीने भर बाद होती रहती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की बताई हुई दवाई खाकर इसमें आराम दिलाया जा सकता हैं।
- क्लास माइग्रेन: इसमें शुरूआती तौर पर आँखों के सामने अँधेरा छा जाना, धुंधला दिखाई देना, सिर में चमकारे होना होता हैं और उसके बाद तेज सिर दर्द चालू हो जाता हैं। ऐसी स्थिति में दिमाग की नसे तक फटने का डर रहता हैं और फिर उनमे सूजन आ जाती हैं। ऐसे स्थिति में इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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माईग्रेन व सिर दर्द में अंतर (Migraine and headache difference in Hindi)
सामान्य सिर दर्द में यह पूरे सिर में होता है और यह दर्द बच्चों से लेकर बड़ो तक को हो सकता हैं जबकि माइग्रेन व्यस्क होने के बाद ही होता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि माइग्रेन की समस्या बच्चों में नही होती है। साथ ही माइग्रेन में आँखों में धुंधला दिखना, तेज रोशनी से परेशानी होना, सिर में झनझनाहट होना या हथोड़े पड़ने जैसा दर्द होना आता हैं जबकि सामान्य सिर दर्द में केवल सिर में हल्का या तेज दर्द होता है।
सिर दर्द किसी बड़ी बीमारी का संकेत नही होता बल्कि यह दिनभर की बेचैनी या कुछ अन्य सामान्य कारणों के कारण हो सकता हैं जबकि माइग्रेन की समस्या मुख्यतया आनुवंशिक लक्षणों के कारण हो सकती हैं। यदि आपके माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी में माइग्रेन की समस्या हैं तो इसकी संभावना हैं कि भविष्य में आपको भी माइग्रेन की समस्या से जुझना पड़े।
माइग्रेन क्यों होता है (Migraine kyu hota hai)
अब बात करते हैं माइग्रेन के होने के कारणों की। आजकल की तनाव भरी जीवनशैली में माइग्रेन की समस्या बहुत आम हैं। जब हम किसी चीज़ के बारे में जरुरत से ज्यादा सोचते हैं और कई वर्षों तक सोचते रहते हैं या उसको लेकर दुखी रहते हैं तो माइग्रेन की समस्या हो सकती हैं।
उसी प्रकार हमारी जीवनशैली का ठीक नही रहने और असंतुलित आहार का सेवन भी इसका कारण बनता हैं। अनुचित और गलत समय पर खानपान की समस्या या कई-कई घंटो तक खाना नही खाना और फिर एकदम से बहुत सा खाना खाना, या काम करते हुए कई बार खाने को स्किप कर देना, ज्यादातर बाहर का या तला हुआ खाना खाने की आदत माइग्रेन की समस्या को और बढ़ाने में सहायक होती हैं।
माइग्रेन में हमारे सिर व मुहं की नसों में सिकुडन आती हैं और उनमे अत्यधिक दबाव पड़ने से यह समस्या सामने आती हैं। ऐसे में आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने को तथा हमेशा शांत दिमाग से कार्य करने को कहा जाता हैं ताकि इस तरह की समस्याओं का आपको सामना ना करना पड़े।

माइग्रेन के लक्षण (Migraine symptoms in Hindi)
यदि आप अभी भी सामान्य सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या के बीच अंतर को लेकर शंका में हैं तो माइग्रेन के कुछ सामान्य लक्षण आपको माइग्रेन के दर्द को पहचानने और इसका समय पर उपचार करने में सहायक होंगे। माइग्रेन के कुछ सामान्य लक्षणों में इस प्रकार हैं:
- आँखों के आगे धुंधलापन छा जाना
- सिर के एक हिस्से में या पूरे सिर में दर्द होना
- प्रकाश को ना सह पाना
- रेखाओं का टेढ़ा मेढ़ा नज़र आना
- सिर में चमकारे पड़ना
- त्वचा में चुभन का अनुभव होना
- बोलते समय लडखडाना या शब्दों का सही से इस्तेमाल नही हो पाना
- चीज़ों का दुगुना नज़र आना
- गर्दन में अकडन की समस्या होना
- आँखों के नीचे काले धब्बे होना
- स्वभाव में चिडचिडा बन जाना इत्यादि।
माइग्रेन का दर्द उठने पर ऊपर दिए गए कुछ सामान्य लक्षण हैं जो समय के साथ-साथ बढ़ सकते हैं। ऐसे में समय रहते इसका उपचार कर लिया जाए तो आगे किसी बड़ी समस्या के होने से बचा जा सकता हैं।
माइग्रेन का उपचार या रोकथाम (Migraine treatment in hindi at home)
इसके लिए आपको अभी से कुछ उपचार शुरू कर देने चाहिए ताकि इसको होने से या बढ़ने से रोका जा सके। इसके लिए आपको निम्नलिखित उपाय करने पड़ेंगे।
- पर्याप्त नींद ले: कम नींद लेने से आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ने लगते हैं। यह काले धब्बे भी माइग्रेन के शुरूआती लक्षणों में से एक हैं। इसलिए एक व्यस्क मनुष्य को कम से कम 7 घंटे और अधिकतम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसलिए यदि आप 7 घंटे से कम या 8 घंटे से ज्यादा की नींद लेते हैं तो आज से ही इसमें बदलाव कर दे।
- संतुलित आहार: माइग्रेन की समस्या का बहुत सीमा तक संतुलित और घर का बना पोष्टिक आहार लेने से दूर किया जा सकता हैं। इसलिए आगे से चाहे कुछ भी हो या कोई भी काम हो, आप अपना भोजन सही समय पर, सही मात्रा में और पोष्टिक गुणवत्ता का ही करे।
- कैफीन का कम सेवन: अक्सर यह देखा जाता हैं कि हम भारतीयों को कड़क चाय या स्ट्रोंग कॉफ़ी पीने की आदत होती हैं तो यदि आपकी भी ऐसी ही आदत हैं तो आज से ही इसमें धीरे-धीरे करके बदलाव लाइए। ज्यादा कैफीन का सेवन करने से भी माइग्रेन की समस्या हो जाती हैं।
- योग व ध्यान: आज के समय में योग की महत्ता को पूरे विश्व ने पहचाना है। यदि आप भी सुबह के समय का एक घंटा योग व ध्यान को देंगे तो इससे ना केवल माइग्रेन की समस्या बिना दवाइयों के बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएँगी और आप पहले से ज्यादा तरोताजा व स्वस्थ महसूस करेंगे।
- डॉक्टर को दिखाए: फिर भी यदि आपको माइग्रेन की समस्या ज्यादा हैं तो ऐसे में अपनी मर्जी से कोई भी दवाई लेने की बजाए डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले क्योंकि यह किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकता हैं। ऐसे में मस्तिष्क का सिटी स्कैन करना बेहतर रहता हैं।