इस ब्रह्मांड का सबसे ऊंचा पर्वत आखिर कौन सा है (tallest mountain in the universe in hindi) ?
यह सुनकर आप थोड़ा आश्चर्य कर रहे होंगे. आपने सुना होगा दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है ?
यानी इस पृथ्वी पर सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है ? यह ब्रह्मांड का सबसे ऊंचा पर्वत कोई कैसे पूछ सकता है ?
क्योंकि ब्रह्मांड में और कहीं पर जीवन है या नहीं यह तो हम जानते ही नहीं हैं.
और अगर ब्रह्मांड में कहीं ऊंचा पर्वत है उसके बारे में हम कैसे जानते हैं.
ऐसे ही कुछ रोचक प्रश्न का उत्तर आज आपको इस आर्टिकल में मिलने वाला है.
माउंट एवरेस्ट, हम सबसे ऊंचा पर्वत अब तक यही जानते हैं पृथ्वी पर.
लेकिन हमारे पृथ्वी से बाहर हमारे इस सौरमंडल में कुछ और भी बड़े बड़े पहाड़ और ज्वालामुखी मौजूद है. (tallest mountain in the solar system in hindi).
जिसके सामने यह माउंट एवरेस्ट एक छोटा सा बच्चा लगता है.
और पृथ्वी पर मौजूद किसी भी स्ट्रक्चर से यह पर्वत बहुत ज्यादा ऊंचे हैं.
बस उसकी जानकारी हमें नहीं है.
इस आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि सौरमंडल में सबसे ऊंचा पर्वत आखिर है कौन सा…
सौरमंडल का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी Olympus Mons in hindi
मंगल ग्रह पर मौजूद ओलिंपस मोंस (Olympus Mons in hindi).
हमारे सौरमंडल पर मौजूद सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है या कहिए सबसे ऊंचा पर्वत है (tallest mountain in univesre).
यह मंगल के समतल से यह 26 किलोमीटर तक ऊंचा है और अगर इसे हम पृथ्वी पर मौजूद डैटम लाइन,
जिसे हम समुद्र तल भी कहते हैं, उससे नापे तो यह 22 किलोमीटर तक ऊंचा है.
यह ज्वालामुखी माउंट एवरेस्ट से लगभग 3 गुना ज्यादा ऊंचा है.
इस ज्वालामुखी से निकलने वाले लावों की वजह से यहां पर चौड़े क्रमिक ढलान बन गए हैं.
और इस ज्वालामुखी की चौड़ाई 624 किलोमीटर तक है.
यानी इस ज्वालामुखी की चौड़ाई भारत के कई राज्यों से भी बड़ा है.
इस ज्वालामुखी के बिल्कुल ऊपर 80 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा है, जहां से लावा निकलता है.
दरअसल यहां 6 गड्ढों की बहुत ही जटिल संरचना है जो कि 3 किलोमीटर तक गहरा है.
ओलिंपस मोंस (Olympus Mons in hindi), मंगल ग्रह पर मौजूद किसी भी ज्वालामुखी में से सबसे नया बना हुआ है.
और इसे बनाने में करोड़ों साल लगे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार यह ज्वालामुखी 2 अरब साल पुराना है.
इतने ही साल से यह सक्रिय भी है. इसके सक्रिय होने का पता वैज्ञानिकों को पृथ्वी पर मिले मंगल के उल्कापिंड से लगा है.
जो कि अफ्रीका के अल्जीरिया में मिला था.

मंगल ग्रह पर इसकी स्थिति
ओलम्पस मोन्स मंगल के बड़े ज्वालामुखियों में से सबसे कम उम्र का ज्वालामुखी है और यह अमेजोनियन काल के दौरान बना है.
ओलम्पस मोन्स को खगोलविदों ने निक्स ओलाम्पिका (nix olympica) albedo feature
(किसी ग्रह के सतह पर उतार चढाव को brightness ने नापना) के रूप में 19वीं सदी के बाद से ही जान लिया था.
अंतरिक्ष यान द्वारा पहचान की पुष्टि एक पर्वत के रूप में करने से पहले इसकी पहाड़ी प्रकृति पूरी तरह से संदेहास्पद थी.
इस ज्वालामुखी मंगल के पश्चिमी गोलार्द्ध में लगभग 18.4° north, 226.2° east पर स्थित है.
और tharsis उभार के पश्चिमोत्तर किनारे बिलकुल बंद हो जाता है.
ज्वालामुखी का पश्चिमी भाग अमेज़ोनिस चतुष्कोण (Amazonis quadrangle) (एम सी-8) में
तथा केन्द्रीय और पूर्वी भाग थर्सिस चतुष्कोण (Tharsis quadrangle) (एम सी-9) के आसपास में स्थित है.
और भी कई ऊँचे ज्वालामुखी हैं मंगल ग्रह पर
मंगल पर ही मौजूद एस्करेस मॉन्स (Ascraeus Mons) मंगल पर मौजूद दूसरा सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है (tallest volcano in mars)
जो कि 14.9 किलोमीटर ऊंचा है. मंगल पर और भी कई ऊंचे ज्वालामुखी है,
जो माउंट एवरेस्ट से कई ज्यादा ऊंचे हैं और यह ज्वालामुखी मंगल पर जीवन पर मददगार भी हो सकते हैं
मंगल ग्रह के थार्सिस वोल्कैनिक रीजन (tharsis volcanic region) में स्थिति यह ज्वालामुखी पृथ्वी के ज्वालामुखी से 100 गुना ज्यादा ऊंचे हैं.
वैसे हमारे सौरमंडल के वेस्ता (vesta) नाम के एक क्षुद्रग्रह पर एक और ऊंचा पर्वत है,
जिसे रिया सिलविया (rheasilvia) के नाम से जानते हैं और वैज्ञानिकों के अनुसार यह ओलंपिस मॉन्स से थोड़ा ऊंचा है.
Rheasilvia
रिया सिलविया एस्ट्रॉयड vesta पर स्थित एक बहुत ही ऊंचा पर्वत है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि या एक impact crater है.
rheasilvia, vesta एस्ट्रॉयड पर मौजूद 505 किलोमीटर के डायामीटर मैं फैला हुआ पर्वत है.
और यह पर्वत का डायमीटर वेस्टा एस्टेरॉइड के कुल डायमीटर का 90% है.
इस asteroid पर एक बहुत बड़ा इंपैक्ट हुआ था जो कि इस एस्ट्रॉयड पर एक बहुत बड़ा गड्ढा बनाया.
यह 569 किलोमीटर चौड़ा है.
जो कि उसे सौरमंडल का सबसे बढ़ा क्रेटर बनाता है (largest crater in solar system).
जिसके वजह से यहां पर एक बहुत ऊंचा पर्वत का निर्माण होता है (tallest mountain in universe in hindi).
इस पर्वत की ऊंचाई 22.5 किलोमीटर बताई जाती है. हबल टेलीस्कोप द्वारा 1997 में खोजा गया था.
Ascraeus Mons
Ascraeus Mons मंगल ग्रह पर मौजूद थार्सिस रीजन पर स्थित एक बहुत बड़ा शील्ड वोल्केनो है.
यह मंगल ग्रह tharsis montes का उत्तर में मौजूद 3 सबसे बड़े पर्वतों में से एक है.
मंगल के डेटम लाइन से यह पर्वत अट्ठारह किलोमीटर तक ऊंचा है. इस पर्वत को albedo feature द्वारा वैज्ञानिकों द्वारा पहचाना गया.
इस पर्वत को 1971 में मैरिनेर 9 नाम के स्पेसक्राफ्ट ने ढूंढा और इसे नाम दिया गया नॉर्थ स्पॉट का.
क्योंकि ये उस समय या मंगल के उत्तरी गोलार्ध पर साफ-साफ दिखने वाले चार धब्बों मैं से एक था.
उस समय मंगल पर धूल की आंधी चल रही थी. इसलिए इसे पहचाना नहीं जा सका.
लेकिन जब यह धूल साफ हुई तब पता चला कि यह एक बहुत ही ऊंचा ज्वालामुखी का summit है (tallest volcano in solar system).
तीन पर्वतों के साथ इसे tharsis montes कहते हैं.
Arsia Mons
tharsis montes नाम के पर्वतों के समिट में मौजूद यह पर्वत दक्षिण का पर्वत है.
और यह मंगल के डेटम लाइन से 20 किलोमीटर तक पहुंचा है.
मंगल ग्रह पर मौजूद है सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा पर्वत (tallest mountain in universe in hindi).
ओलिंपस मोंस (Olympus Mons in hindi) इस पर्वत के उत्तर पश्चिम में मौजूद है.
Pavonis Mons
यह पर्वत मंगल ग्रह पर मौजूद है. यह मंगल के tharsis region पर मौजूद, tharsis montes पर्वत समिट का ही एक हिस्सा है.
यह इस पर्वत समिट के बिल्कुल मध्य में मौजूद है और यह पर्वत 14 किलोमीटर तक ऊंचा है.
इसे भी 1971 में मैरिनेर 9 स्पेसक्राफ्ट के द्वारा ढूंढा गया था.
यही जानकारी विडियो के रूप में लेने लिए ये विडियो देखिये