आप अपने आसपास किसी भी जानवर को सांस लेते हुए देखिए… आप देखेंगे कि उनका कभी भी जो सीने वाला एरिया है, यानी चेस्ट वह नहीं एक्सपेंड हो रहा है। बल्कि उनकी belly यानी जो उनका पेट है, वह ज्यादा फूल रहा है, ऐसा क्यों होता है ??? पिछली article में तो मैंने आपको यह बताया था कि जब भी कोई सांस लेता है, तो सांस लेने पर एयर कभी भी हमारे स्टमक में नहीं जाती हैं, बल्कि वह हमेशा फेफड़े में ही जाती है, तो अगर सांस लेने पर एयर हमेशा फेफड़े में जाती है, तो पेट क्यों फूलता है और जानवरों के सांस लेने का तरीका क्या सही है ?? या हम मनुष्य का… चलिए जानते हैं इसके पूरी बात को…
देखिये जब हम किसी व्यक्ति से कहते है कि जरा deep breath करो ढेर सारा air अपने सीने में भरो तो, वह व्यक्ति अपने कंधे को उठा लेता है, उसका सीना फुल जाता है और बॉडी थोड़ा ऊपर की ओर उठ जाती है, ऐसा अधिकतम लोग करते हैं। अब क्वेश्चन उठता है कि क्या यह तरीका सांस लेने का सही है???
डायाफ्राम सांस लेने मे कैसे मदद करता हैं –
देखिये सांस लेने में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल हमारा यह डायाफ्राम play करता है। डायाफ्राम जब नीचे की ओर आता है तो हमारा फेफड़ा दरअसल एक्सपेंड हो जाता है, जितना ज्यादा हम अपने डायाफ्राम को नीचे ले जाएंगे उतना ही ज्यादा हमारा फेफड़ा फूलेगा। और ज्यादा से ज्यादा एयर उसमें भर पायेगा और जब हम अपने डायाफ्राम को कॉन्ट्रैक्ट करके नीचे क्यों लाते हैं, तो दरअसल हमारे डायाफ्राम के नीचे ही हमारे स्टमक इंटेस्टाइन लीवर जैसी चीजें होती हैं, यह सब नीचे की ओर और बाहर की ओर फैलने लगती हैं, डायाफ्राम के प्रेशर के कारण…
देखिये हमने सांस लिया एयर हमारे नाक से होते हुए फेफड़े पर गई और यह सब कैसे हो रहा है। दरअसल डायाफ्राम नीचे की ओर जाकर बाहर से एयर suck कर रहा है, हमारे फेफड़ों के अंदर… जैसे-जैसे डायाफ्राम नीचे जाता जा रहा है, उतना ही ज्यादा एयर फेफड़े में भरता चला जा रहा है। डायाफ्राम जैसे-जैसे नीचे जा रहा है, वह हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम वाले organ को नीचे की ओर push करता जा रहा है, और जब यह सब ऑर्गन नीचे की ओर push हो रहे हैं, तो यह बाहर की ओर एक्सपेंड भी हो रहे हैं।

फेफड़ा पूरा भरने के लिए ज़रूरी हैं पेट फूलाना –
जितना ज्यादा हमारा पेट फूलेगा, उतना ही ज्यादा हमारा lung भी एक्सपेंड होगा और उसमें उतना ही ज्यादा एयर भर पाएगी। यही है सांस लेने का सही तरीका, आप किसी भी जानवर को देखिए जब भी वह सांस लेता है तो उसका पेट पूरी तरीके से फूल जाता है। आप एक छोटे बच्चे को देखे सांस लेते हुए, जो बिल्कुल नवजात होता है, वह भी जब सांस लेता है, तो उसका पेट पूरी तरीके से फूल जाता है.
मुंह से सांस लेने से क्या होता हैं – mouth breathing impact on face
हां आपको यह बात पता होना चाहिए कि जब आपका पेट फूलेगा, deep breathing के समय, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पेट में हवा जा रही है। देखिये जब हम सांस लेते हैं तो एयर हमारे फूड पाइप के ऊपर यह जो upper esophageal spinchter होता है, यहां से टकराकर वापस हमारे विंड पाइप में चली जाती है। और कभी भी हमारे स्टमक में नहीं जाती है, जितना ज्यादा पेट फूलेगा, हमारा उतना ही ज्यादा एयर हमारे फेफड़े के निचले हिस्से तक पहुंच पाएगी, और हम स्वस्थ बने रहेंगे।