क्या आपको पता है कि हमारे दिमाग के अंदर खोखली सी जगहें होती है, और इन खोखली जगहों का हमारे दिमाग में, इतना महत्वपूर्ण रोल है कि आज आप ये बात इस वीडियो में जानकर बिल्कुल चौक जाएंगे, अगर आपको हमारे शरीर के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है, तब तो यह आपके लिए बहुत ही नई जानकारी होगी। जानते हैं ब्रेन के अंदर पाई जाने वाली खोखली की जगह को ventricles कहते हैं, और अभी जहां मैं arrow से पॉइंट कर रहा हूं, ब्रेन के स्लाइस में वह ब्रेन का वह खाली जगह ही होता है, एक इस 3D व्यू में देखे कि ब्रेन मैं यह ventricles यानी खाली जगह होते कहां पर है।
देखिए हमारे ब्रेन में एक नहीं, दो नहीं पूरे 4 ventricles होते हैं, देखिए ब्रेन के दोनों साइड में जो लैटरल वेंट्रीकल्स है, वह ब्रेन के पहले और दूसरे ventricles होते हैं, ये जो रेड वाला एरिया दिख रहा हैं आपको, यह लाल रंग वाला थर्ड वेंट्रीकल हैं और यह हैं 4th ventricle, रेड कलर वाला पार्ट.
देखिए हमारे ब्रेन में इन ventricles के दीवार पर एक कॉलीफ्लावर यानी एक गोभी की तरह संरचनाएं उभरी हुई रहती हैं, जिसे choroid plexus कहते हैं, और इन choroid plexus का काम यह होता है कि यह हमारे ब्रेन में एक पानी की तरह colorless fluid को बनाते हैं, जिसे सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड कहते हैं। जिसका काम हमारे शरीर में इतना ज्यादा इंपॉर्टेंट है कि आप सोच भी नहीं सकते, यह बहुत बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है।
देखिए ब्रेन में बनने वाला यह पानी ब्रेन से सारे टॉक्सिन और वेस्ट मटेरियल को निकालता है, दिमाग को न्यूट्रिशन प्रोवाइड कराता है, और ब्रेन के लिए कुशन की तरह काम करता है, यानी जब भी कोई चोट या झटका हमारे दिमाग को लगता है, तो यह उस shock को absorb कर लेता है ये सीएसएफ फ्लुएड।
हमारी खोपड़ी कैसे बनी हुई होती है – cranium anatomy hindi
देखिए जब इन ventricles में ये fluid बन जाता है, तो यहां से जहां पर मैं एरोसे पॉइंट कर रहा हूं, बिल्कुल cerebellum के पास एक छोटा सा opening बना होता है, इस opening का नाम है cisterna magna, इस ओपनिंग से यह सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड हमारे दिमाग के चारों और जो आवरण होता है मेनिनजेस… उस के arachnoid mater और pia mater के बीच में जो स्पेस पाया जाता है, sub arachnoid space में चला जाता है, और इस तरह से ब्रेन इस फ्लूइड में तैरता रहता है। जिससे वह अपने आप को प्रोटेक्ट कर पाए।
देखिए एक बार यह सीएसएफ फ्लुएड हमारे सब अरकानॉइड स्पेस में चला जाता है, उसके बाद इसी subarachnoid space से कुछ arachnoid villies निकली होती हैं, जहां से यह सीएसएफ फ्लुएड हमारे ब्रेन के ऊपर जो बाहरी आवरण पाया जाता है, उस में पाए जाने वाले कुछ वीनस साइनस इसमें चले जाते हैं, जहां पर ब्लड कैपिलरीज होती हैं। होता यह है कि इस csf फ्लूइड में ब्रेन के कुछ वेस्ट मटेरियल होते हैं, यह वेस्ट मटेरियल इसी ब्लड कैपिलरी के थ्रू हमारे ब्रेन से बाहर निकल जाता है।
देखिए जो सीएसएफ होता है, इसमें 99% से भी ज्यादा वाटर होता है, और एक परसेंट भी कम सॉलिड का भाग होता है, जिसमें प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल शुगर और कुछ साल्ट वगैरह होता है। और इसमें बहुत ही थोड़ी सी मात्रा में लिंफोसाइट भी होता है।
जी हां, वही लिंफोसाइट जिसका काम हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने का होता है। देखिए सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड में पाए जाने वाले लिंफोसाइट हमारे ब्रेन में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं, जैसे कोई भी वायरस कोई भी bacteria को ये तुरंत ही मार देते हैं। और कभी ऐसा हो गया कि इस सेरेब्रोस्पाइनल fluid में गड़बड़ी की वजह से ब्रेन इंफेक्शन हो जाए, तो व्यक्ति को बहुत ही severe और घातक बीमारी हो सकती है, जैसे मेनिनजाइटिस…