हृदय की संरचना कैसी होती हैं – anatomy of heart hindi

मैंने एक post लिखा था, जिसमें मैंने आपको यह बताया था कि हमारा हृदय काम कैसे करता है. उसमें मैंने आपको हमारे हृदय की संरचना के बारे में नहीं बताया था. हृदय में कितने लेयर हैं, कौन-कौन से structure किस चीज़ में इंवॉल्व है, आइए इस article में हम यह जान लेते हैं कि हमारे हृदय की संरचना कैसे होती है। किन-किन चीजों से मिलकर हमारा हृदय बना हुआ होता है, और उनका रोल क्या-क्या होता है।

देखिये सबसे पहले जान लेते हैं अपने हृदय की लोकेशन को कि वह हमारे शरीर में कहां पर स्थित है। यह है हमारा रिब केज यानी हमारी पसलियों की हड्डियां और इसके बीच में यह है sternum. देखिए हमारा हृदय, इन्हीं पसलियों के हड्डियों के अंदर सुरक्षित रहता है, ठीक इस sternum हड्डी के पीछे हल्का सा बाएं ओर, फेफड़ों के बीच में और नीचे की ओर के डायाफ्राम से लगा हुआ रहता है। मतलब जब हम सांस लेते हैं, तो डायाफ्राम ऊपर नीचे होता है, इसके वजह से हमारा हृदय भी थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होता रहता है। डायाफ्राम की वजह से। और हमारा हृदय हमारे सीने के थोरेसिक कैविटी के अंदर ही पाए जाने वाले mediastinum नाम के कैविटी में पाई जाती है.

देखिये हमारा हृदय 3 लेयर से मिलकर बना हुआ होता है, सबसे बाहरी वाले लेयर को कहते हैं पेरिकार्डियम, बीच वाले सबसे मोटी layer जो कि muscle की बनी हुई होती है, इसे कहते हैं myocardium और सबसे अंदर वाली लेयर होती है एंडोकार्डियम। चलिए एक-एक करके सब के बारे में जानते हैं…

सबसे पहले बात कर लेते हैं हमारे heart का सबसे बाहरी लेयर पेरिकार्डियम के बारे में, जो कि हमारे हृदय को बाहर से envelope किया रहता है। एक sac like स्ट्रक्चर, bag की तरह जिसके अंदर ही heart रखा हुआ होता है, ऐसा समझ लीजिये आप। यह लगभग 2 mm का होता है, और इसमें 2 लेयर होती हैं, बाहर वाली पेरिकार्डियम fibrous layer से मिलकर बनी हुई होती है। जिसमें mainly फाइब्रोब्लास्ट सेल होती हैं।

वहीं दूसरी पेरिकार्डियम की लेयर सिरस मेंब्रेन की होती हैं। और इस सीरियस मेंब्रेन के पेरिकार्डियम में भी 2 लेयर होती हैं। एक होता है ह्रदय से लगा हुआ विसरल पेरिकार्डियम और दूसरा होता है यह पैराइटल पेरिकार्डियम। इन दोनों के बीच में एक fluid होता है, जिसके कारण से हृदय को कभी भी friction नहीं हो पाता, स्मूथली ह्रदय काम कर पाता है। और यह जो विसरल पेरिकार्डियम की layer होती है, इसे एपिकार्डियम भी कहा जाता है।

फिर जैसे ही हम इस layer के अंदर जाते हैं, हम पाते हैं अपने heart के सबसे इंपॉर्टेंट और सबसे मोटी लेयर को, जिसकी वजह से ही heart अस्तित्व में होता है। यह होती है हार्ट की मसल के लिए जिसे मायोकार्डिया कहते हैं। heart कि यह muscle स्ट्राइडेड होती है जो कि हर एक सेल एक intercalated डिस्क से आपस में जुड़ी रहती है.
जिस के थ्रू एक सेल से दूसरे सेल में इंफॉर्मेशन पास होती है, और इसी मसल की layer में ही heart में ब्लड का सप्लाई भी होता है। coronary circulation के द्वारा, जिसमें कुछ coronary artery होती हैं और कुछ coronary vein भी होती हैं। जहां से ब्लड drain आउट होता है। इन cells के बीच मे extra cellular matrix भी पाया जाता है। यही ले रिस्पांसिबल होता है पूरे शरीर में ब्लड को पंप करने के लिए।

और इसके अंदर हार्ट का सबसे अंदरूनी लेयर होता है जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं, जो कि एपिथेलियल सेल्स से मिलकर बना हुआ होता है। यह heart के अंदरूनी वॉल की लाइनिंग होती है, heart की ये एंडोकार्डियम लेयर के अंदर ही पुर्किंजे फाइबर होता है जो कि हार्ट के इलेक्ट्रिकल कंडक्शन के लिए मददगार होता है। endocartium के cells को endothelial cells कहते है।

उसके बाद जैसा कि आप देख पा रहे हैं कि हमारे हृदय की संरचना कैसे होती है, इसमें 4 chambers होता है, ऊपर के ये 2 atrium नीचे के 2 वेंट्रीकल्स होते हैं। जहां से ब्लड फील होकर aorta के थ्रू पूरे शरीर भर में फैलता है और pulmonary artery के थ्रू फेफड़े में जाता हैं oxygen लेने। इस पर मैंने वीडियो बना रखा है, बीच में यह septum होता है जो ventricle को दो भागों में बांटता है। यह महाधमनी aorta होती है। यह पलमोनरी आर्टरी होती है। यह पलमोनरी vein होता है जहां से फेफड़ों से खून हृदय में आता है। और यह है सुपीरियर ओर इनफीरियर वेना केवा जहां से डीऑक्सीजनेटेड ब्लड शरीर के बाकी हिस्सों से ह्रदय की तरफ आता है।

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