जब एक फीमेल पैदा भी नहीं हुई होती है, यानी मां के गर्भ में ही उसके अंदर फीमेल germ cell oogonia का डेवलपमेंट होने लगता है। और जब एक बच्ची का जन्म होता है, तो वह अपने जन्म के साथी लगभग 60 से 80 हजार प्राइमरी oocyte के साथ पैदा हुई होती है। नहीं समझ में आया ना… चलिए आपको पूरी बात समझाते हैं।
एक स्त्री के गर्भ में ही भ्रूण के developement के समय ही primordials germ cell खुद को further डिवाइड करते हुए, oogonium में मॉडिफाई हो जाते हैं। फिर यही oogonium modify होकर माइटोसिस करता है और खुद को एक डिप्लॉयड सेल ही divide कर देता है, फिर उसके बाद इसी oogoniun में mieosis 1 का प्रोसेस चालू होता है। और mieosis 1 में ही कोशिका विभाजन के इसी प्रोसेस में cell arrest हो जाता है। यानी वह फरदर स्वयं को विभाजित नहीं करता है।
और प्राइमरी oocyte कहा जाने लगता है। जब एक बच्ची पैदा हुई होती है, तब उसके अंदर लगभग 60 से 80 हजार प्राइमरी oocyte मौजूद होता है, जब तक की उसकी puberty ना आ जाए। तब तक यह एक लड़की के 10 से 12 साल तक की उम्र में जस के तस उसके ओवरीज में पड़े ही रहते हैं।
देखिए यह तो प्राइमरी ऊसाइट होते हैं, यह एक लड़की के ओवरीज में कुछ फॉलिकल सेल्स के अंदर मौजूद होता है। मतलब इन के चारों ओर सेल्स की एक layer होती है, सेल्स की layer के साथ प्राइमरी ऊसाइट को प्राइमरी फॉलिकल सेल कहते हैं।
देखिये जैसे ही एक लड़की अपने puberty पर आती है, मतलब 11 से 12 साल की होती है, उसके ब्रेन से फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉरमोन रिलीज होने लगता है, और यह फॉलिकल डिवेलप होने लगते हैं, जब यह फॉलिकल्स डिवेलप होने लगते हैं, तो इनके ऊपर बहुत सारे फॉलिकल्स की लेयर चढ़ जाती है, और जो बीच में यह जो प्राइमरी oocyte वह भी अब mature होने लगती है।
देखिए जन्म के समय जो primary oocyte mieosis 1 के समय arrest हो गया था। वह प्रोसेस अब पूरा हो जाता है, और यह प्राइमरी oocyte अब सेकेंडरी oocyte में डिवाइड हो जाती है, और साथ में एक polar body को भी बनाती है, यह पोलर बॉडी किसी काम की नहीं होती है, और एक छोटी सी सेल होती है, जो कि आगे चलकर degrade हो जाती है।
और अब इसमें mieosis 1 प्रोसेस होने के बाद सेल में केवल एक क्रोमोसोम रह जाता है, इसलिए अब यह haploid सेल बन जाती है, आगे further meiosis 2 करके यह 2 सेल में और बट जाती है, और साथ ही इसके साथ बना polar body नष्ट हो जाता है। और अब फॉलिकुलर सेल के अंदर बना सेल ओम या एयरटेल आता है
देखिये इसी प्रोसेस के साथ-साथ सेल के चारों ओर लगी फॉलिकुलर सेल भी बढ़ते जाते हैं, क्योंकि उनके चारों ओर फॉलिकुलर cell रहते हैं। follicle-stimulating हार्मोन के कारण और पिट्यूटरी ग्लैंड से निकलने वाले लुटेनाइजिंग हॉरमोन के कारण यह फॉलिकुलर सेल से यह egg pop out होकर बाहर निकल जाता है, जिसे ओवुलेशन कहते हैं। यह प्रोसेस समझने के लिए हमें महिलाओं के मेंस्ट्रुएशन साइकिल को समझना पड़ेगा, यानी मासिक धर्म को। उसका वीडियो में अलग से बना लूंगा