क्या आप भी ब्रह्मांड को अंतरिक्ष ही समझते हैं?? क्या आपको यह पता है कि अंतरिक्ष और ब्रह्मांड में अंतर क्या है ?? अंतरिक्ष तो वह चीज है जो किसी भी ग्रह से सुदूर वह शून्य है जहां पर उसका होस्ट स्टार वह ग्रह और वह आकाशीय क्षेत्र उपस्थित हो.
अंतरिक्ष मतलब जिसका कोई अंत ही ना हो, आकाश यानी खाली जगह जहां पर किसी भी वस्तु या चीज को स्थान घेरने के लिए जगह मिलता है. पर ब्रह्मांड क्या है ?? ब्रह्मांड यानी यूनिवर्स इंग्लिश में.
इसका मतलब क्या है ? ब्रह्मांड अंतरिक्ष अलग चीज है क्या ? चलिए इस के पीछे के रहस्य को जानते हैं…
ब्रह्मांड क्या है –
ब्रह्मांड संपूर्ण अंतरिक्ष, समय, ग्रह, तारे धूल कण के बादल यहां तक कि सभी गैलेक्सी इन सभी को अपने अंदर धारण किया हुआ है. यानी यह सब चीजें ब्रह्मांड की अंतर्वस्तु है. हर एक चीज डार्क मैटर डार्क एनर्जी कोई भी ऊर्जा हर एक चीज ब्रह्मांड में ही समाहित है.
और इतना बड़ा है इतना बड़ा है कि इसकी कल्पना नहीं किया जा सकता। इसके व्यास का कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. बस एक अनुमान यह है कि यह अनंत हो सकता है.
और जहां तक हमारे पृथ्वी पर से सुदूर इलाके से प्रकाश की किरण आ सकती है वह दूरी है 93 अरब प्रकाश वर्ष जिसे oberservable universe कहते हैं. यानी ब्रह्मांड का वह हिस्सा जो अवलोकन किया जा सकता हैं.
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माना जाता है कि यह ब्रह्मांड लगातार प्रकाश की रफ्तार से भी ज्यादा तेज रफ्तार से फैलता जा रहा है. और आगे भी निरंतर फैलता रहेगा, इतना तेज से जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
तो आप ही कह सकते हैं कि ब्रह्मांड सभी चीजों को अपने ऊपर धारण किया हुआ है.
ब्रह्माण्ड का जन्म कैसे हुआ –
माना जाता है कि इस ब्रह्मांड का जन्म आज से 13.8 अरब साल पहले हुआ था. जब आपसे 13.8 अरब साल पहले एक छोटे से कण में इतना बड़ा विस्फोट हुआ. इतना बड़ा महा-विस्फोट जिसके कारण से भी यह ब्रह्मांड का जन्म हुआ.
भौतिकी शास्त्रीय मानते हैं कि इस महा विस्फोट के 1.43 सेकंड बाद हुई आधुनिक ब्रह्मांड में दिखने वाले हर एक वस्तु का जन्म धीरे-धीरे होने लगा था और वह मूलभूत चीजें जैसे लेप्टॉन, क्वार्क, डार्क एनर्जी, डार्क मैटर जैसे सभी चीजें बनने लगे थे.
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और भौतिकी के नियम भी ब्रह्मांड में हर जगह लागू होने लगे थे. माना जाता है कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि इस विस्फोट से ब्रह्मांड आज भी लगातार प्रकाश की रफ्तार से भी ज्यादा तेज रफ्तार से फैलता जा रहा है.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह जो हम पूरा ब्रह्मांड देख पा रहे हैं उसमें से 95% ऐसा तो अदृश्य है. जिसके बारे में हमें कोई भी जानकारी नहीं है. यह 95% हिस्सा वह डार्क एनर्जी वह और वह डार्क मैटर ही है. जिसके बारे में हमें लेश मात्र भी जानकारी नहीं है.
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वैज्ञानिक बताते हैं कि इस पूरे ब्रह्मांड में डार्क मैटर 26.8 प्रतिशत है. वही डार्क एनर्जी 68.3% है और हम जो भी सामान्य चीजें देख पाते हैं. जो कि वैज्ञानिक मैटर से बनी हुई है. यह ग्रह, तारे, यह धूल कण यह सब कुछ मात्र और मात्र ब्रह्मांड का 4.9% ही है.
है ना एकदम खतरनाक बात. इतने बड़े ब्रह्मांड में जिस में हम रहते हैं उसकी 95% भाग के बारे में तो हमें कोई जानकारी नहीं है कि वह कैसे बना है कहां से आया है.
पूरी तरीके से खाली नहीं हैं ब्रह्माण्ड –
वैज्ञानिक बताते हैं कि यह पूरा ब्रह्मांड बहुत ही लो डेंसिटी से भरा हुआ है. यानी ब्रह्मांड पूरी तरीके से खाली तो नहीं है. उसमें कुछ छोटे-छोटे कण मौजूद हैं. और वह बहुत ही ज्यादा कम डेंसिटी में मौजूद है. वैज्ञानिक बताते हैं कि ब्रह्मांड की डेंसिटी 9.9 x 10-30 ग्राम पर सेंटीमीटर क्यूब है.
जब यह ब्रह्मांड बना था यानी जब बिगबैंग हुआ था तब big bang का विस्फोट इतना तेज और इतना बाहर की ओर तेजी से फैलने वाला था कि यह पूरे ब्रह्मांड में एक बैकग्राउंड रेडिएशन को अपने साथ लिए हुए पूरे बैकग्राउंड में फैला रहा था.
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इसी बैकग्राउंड रेडिएशन को नाप कर वैज्ञानिकों ने हाल ही में ब्रह्मांड के तापमान को भी नापा है. जो कि 2.7 केल्विन है यानी -270.3 डिग्री सेल्सियस। अगर यह बैकग्राउंड रेडिएशन ना होता तो शायद ब्रह्मांड बिल्कुल एब्सलूट जीरो होता जिसमें कोई भी गैस बिल्कुल movement ही नहीं कर सकती।
आपको बताते चलें कि हम इस ब्रह्मांड के आकाशगंगा मंदाकिनी यानी मिल्की वे गैलेक्सी नाम के गैलेक्सी में रहते हैं. जहां पर हमारा सूर्य हमारे सभी ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है.
हमारा सूर्य यानी हमारा सौरमंडल हमारे गैलेक्सी के केंद्र से 27,000 प्रकाश वर्ष दूर है और यह हमारे गैलेक्सी का चक्कर काटता रहता है. हमारी गैलेक्सी ब्रह्मांड में बहुत बड़ी तो नहीं है.
पर एक स्पाइरल गैलेक्सी है हमारे गैलेक्सी के बगल में एंड्रोमेडा गैलेक्सी हमारे गैलेक्सी से बड़ी है. एक अनुमान के मुताबिक केवल हमारे मिल्की वे गैलेक्सी में ही 400 अरब तारे मौजूद है.
कोई छोटा है, कोई बड़ा है तो इस ब्रह्मांड में तारों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. क्योंकि अरबों तो गैलेक्सिया मौजूद हैं, और इन गैलेक्सीज में अरबों खरबों तारे मौजूद हैं.