आसमान से नीचे गिरने मे कैसा लगता हैं

26 जनवरी 1972 एयरवेज फ्लाइट 367 में एक ब्लास्ट हो गया, ब्लास्ट का नतीजा यह रहा कि प्लेन की फ्लाइट अटेंडेंट vesna vulovic चलते हुए एयरप्लेन में से बाहर की ओर चली गई। उस समय प्लेन जमीन से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर था, प्लेन चेकोस्लोवाकिया में किसी पहाड़ पर जा कर टकरा गया, लेकिन 10 किलोमीटर ऊपर से गिरने के बावजूद भी फ्लाइट अटेंडेंट vesna vulovic अपनी जान बचाने में कामयाब हो गई। इतनी ऊंचाई से नीचे गिरने वाली और सरवाइव कर जाने वाली दुनिया में वह एकमात्र महिला थी। 22 साल की vesna vulovic सौभाग्य से बिल्कुल soft snow के ऊपर गिरी थी। जिसके कारण से उनके वाइटल ऑर्गन जैसे फेफड़े हृदय और लीवर वगैरह सब सुरक्षित रहें। कुछ हड्डियां उनकी टूटी लेकिन वह बच गई।

अब जरा यह सोचो कि जब कोई व्यक्ति आसमान से नीचे क्यों गिरता होगा, तो उसके मन में कैसा ख्याल आता होगा, उस समय उसके शरीर को कैसा फील होता होगा, कितना डर लगता होगा। और अगर कोई व्यक्ति आसमान से नीचे गिरता है तो कितने सेकंड में मरेगा, क्या वह हवा में ही मर जाएगा या वह नीचे गिरने पर ही मरेगा। क्योंकि हर किसी की किस्मत vesno velovic जैसी नहीं होती है।

ऐसा नहीं है कि यह एकमात्र केस है। दुनिया में और भी कई लोग हैं जो आसमान 5 किलोमीटर 6 किलोमीटर की ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद भी बच गए हैं। लेकिन इन सभी मामलों में जब लोग नीचे जीव तो किसी सॉफ्ट मुलायम चीज के ऊपर गिरे है या किसी पेड़ वगैरह, पर जहां पर वह अपने फ्री फॉल को रोक सकते हैं, नहीं तो उनके बचने की कोई संभावना नहीं है।

पॉलिटेक्निक क्या है – polytechnic in hindi 

अब मान लो कि आप आसमान से नीचे गिर गिर रहे हो, लगभग 9 या 10 किलोमीटर की ऊंचाई से, जैसे ही आप आसमान से नीचे गिरने वाले रहोगे, जैसे ही आप ग्रेविटी के कांटेक्ट में आओगे, आपके पास जमीन में पहुंचने के लिए केवल और केवल 2 मिनट के 2:30 मिनट होगा। हालांकि आप कितना velocity से नीचे गिरोगे, आपके वजन पर भी बहुत निर्भर करता है। पर एक एवरेज व्यक्ति के लिए मैं यह बता रहा हूं।

उसके कुछ सेकंड बाद ही आपको ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगेगी और आपको इतना ठंडा लगेगा कि आप की हीट शरीर से बाहर की ओर radiate होने लगेगी।

जमीन से 9 से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर तापमान -30 से -40 डिग्री सेल्सियस रहता है,  यानी ईतनी ऊंचाई पर आपकी बिल्कुल कुल्फी जम जाएगी।

जैसा आपको पता है, मैं आपको कई बार ये बात बता चुका हूँ कि जैसे जैसे आप जमीन से जितना ऊंचाई पर जाते जाओगे एयर प्रेशर उतना ही कम होता जाएगा और व्यक्ति जितना मैदानी इलाकों में जाता जाएगा, जितना निचले इलाकों में जाता है उतना ही ऊपर की एयर डेंसिटी की वजह से नीचे air प्रेशर ज्यादा होता जाएगा, अब जमीन से 9 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर एयर प्रेशर बहुत कम होता है। तभी तो टेंपरेचर भी वहां का कम होता है।

अब जब एयर प्रेशर कम होगा, तो हमें सांस लेने में दिक्कत तो होगी, साथ ही साथ हमारे नीचे एयर प्रेशर ज्यादा रहेगा और हमारे ऊपर एयर प्रेशर कम रहेगा, इस एयर की वजह से हमे ऊपर की ओर एक रजिस्टेंस force मिलेगा, और ग्रेविटी हमें नीचे की ओर खिंचेगी, जो हमारे शरीर के ऊपर एक ड्रैग फोर्स लगाएगा, अब चुकी हमारे ऊपर और हमारे नीचे के एअर प्रेशर में डिफरेंस रहेगा, इस कारण से हमारी बॉडी जब फ्री फॉल करेगी, तो वह फ्री फॉल करते हुए एक टर्मिनल वेलोसिटी पर पहुंच जाएगी, जहां पर हमारी बॉडी एक कांस्टेंट वेलोसिटी के साथ ही नीचे की ओर गिरती जाएगी।

हां अगर आप अपना हाथ पांव फैला लोग नीचे गिरते वक्त, तो शायद आपके ऊपर drag force थोड़ा ज्यादा लगेगा और आप अपनी फॉलिंग speed को थोड़ा घटा सकते हो. और पैराशूट तो सबसे बेहतर है, जिसके ऊपर ड्रैग फोर्स ज्यादा लगता है, जो हमारी फॉलिंग speed को कम कर देता है।

अब अगर आपके पास फ्री फॉल करते वक्त पैराशूट नहीं है और यह निश्चित हो गया है कि आप नीचे गिरोगे ही गिरोगे बुरी तरीके से, तो आपको करना यह चाहिए कि सबसे पहले आपको अपने दोनों टांगों को एक साथ लैंड करना चाहिए और अपने शरीर के वाइटल ऑर्गन जैसे फेफड़े हार्ट जैसे चीजों को प्रोटेक्ट करना चाहिए, ब्रेन तो पूरी तरीके से सुरक्षित ही रहना चाहिए। आप नीचे करते वक्त किसी पेड़ या किसी भी झड़ी वगैरह चीजों को पकड़ते पकड़ते नीचे गिरोगे तो भी आप अपने freefall को break कर पाओगे।

लेकिन यह सब तो सब तब संभव होगा जब आप का ब्रेन इतना मजबूत होगा कि वह नीचे गिरते समय भी खुद को संभाल सके, नहीं तो इतनी ऊंचाई से नीचे गिरते वक्त कुछ सेकेंड में व्यक्ति अपनी सांसे खो बैठा है,

Previous articleसाँप कैसे चलता हैं – how does snake move
Next articleसमुद्र का निर्माण कैसे हुआ – formation of ocean in hindi