पर्वत या पहाड़ (Mountain in hindi) पृथ्वी की भू-सतह पर प्राकृतिक रूप से ऊँचा उठा हुआ भू आकृति होता है और इनका उभार निश्चित नहीं होता हैं, यह प्रायः आकस्मिक होते हैं. और ये पहाड़ी से बड़ा होता है। पर्वत ज़्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं. धरातल के 27 प्रतिशत भाग में पर्वत हैं.
पृथ्वी के समतल से 600 मीटर से अधिक ऊँचे उठे हुए भू-भाग को पर्वत (Mountain in hindi) कहते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कि वो भू आकृति जहाँ पर आप खड़े हो वहां के समतल से उठा हुआ हो. क्यूंकि विश्व के कई पठार ऐसे हैं, जो कि समुद्र तल से काफी ऊँचे हैं, किन्तु वे पर्वत नहीं हैं.
उदाहरण – तिब्बत का पठार समुद्र तल से 4,800 मीटर ऊँचा है, किन्तु वह पर्वत नही है.
कैसे होता हैं पर्वतों का निर्माण
भिन्न-भिन्न पर्वतों (Mountain in hindi) का निर्माण भिन्न-भिन्न तरीकों से होता है, मतलब पर्वत (Mountain in hindi) भी कई तरीके के होते हैं और इनके बनने की प्रक्रिया भी बहुत ही भिन्न होती है. पर्वतों के निर्माण की सबसे साधारण प्रक्रिया होती है, दो टेक्टोनिक प्लेट्स का आपस में टकराना और एक प्लेट का नीचे की ओर धसते जाना और एक प्लेट का दूसरे प्लेट के ऊपर चढ़कर ऊपर की ओर बढ़ते जाना, इसे पर्वतों के बनने का भ्रंश (faulting block) कहते हैं. इसके अलावा पर्वतों के बनने का वलन क्रिया, जिसमें भूमि की सतह एक दूसरे के ऊपर वलईत हो जाती हैं यानी फोल्ड (fold) हो जाती हैं. ज्वालामुखी क्रिया से भी पर्वतों (Mountain in hindi) का निर्माण होता है. इसके अलावा पृथ्वी के अंदर ही मैग्मा का क्रिस्टलाइज हो जाना भी पर्वतों का निर्माण करता है.
पर्वतों के प्रकार (Mountain in hindi)
ज्वालामुखी पर्वत (Volcanic mountains)
पृथ्वी के क्रस्ट के नीचे, जब टेक्टोनिक प्लेट्स का मूवमेंट होता है, तब यह ज्वालामुखी क्रियाओं को उत्तेजित करता है, इस प्रकार ज्वालामुखी के विस्फोट से जब लावे बाहर आते हैं तो वह जमकर एक पर्वत (Mountain in hindi) बना लेते हैं.
उदाहरण – किलिमंजारो, वेसुवियस, माउंट फूजी
वलित पर्वत (Fold mountains) –
जब धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेट्स एक दूसरे से टकराते हैं, तब एक प्लेट दूसरी प्लेट के ऊपर एक लेयर की तरह बना लेता है और इसी तरह कई लेयर जब एक के ऊपर एक एक भू-आकृति बना लेते हैं तो यह पर्वत (Mountain in hindi) का निर्माण करते हैं.
उदाहरण – हिमालय, बाल्कन
ब्लॉक पर्वत (Block mountain) –
जब चट्टानों में स्थित भ्रंश के कारण मध्य भाग नीचे धंस जाता है और आस पास के भू आकृतियाँ ऊंचे उठ जाते हैं, तो वो ब्लॉक पर्वत का निर्माण करते हैं. बीच में धंसे भाग को रिफ्ट घाटी कहते हैं. इन पर्वतों (Mountain in hindi) के शीर्ष समतल और किनारे तीव्र भ्रंश-कगारों से सीमित होते हैं.
उदाहरण – ब्लैक फॉरेस्ट (जर्मनी), साल्ट रेंज (पाकिस्तान)
अवशिष्ट पर्वत (Residual mountain) –
ये पर्वत (Mountain in hindi) चट्टानों के अपरदन के फलस्वरुप निर्मित होते हैं.
उदाहरण – विन्ध्याचल और सतपुड़ा, नीलगिरी, पारसनाथ, राजमहल की पहाड़ियां (भारत)