रंगोली को संस्कृत में ‘रंगावली’ भी कहा जाता है। इसमें जितने रंगों का इस्तेमाल किया जाएगा, ये उतनी ही सुंदर नजर आएगी।रंगोली घर के मेन गेट के सामने और आंगन में बनाई जाती है। यह डिजाइन काफी नया और आकर्षक है, इसमें दीयों का इस्तेमाल करके आकर्षण को और बढ़ाया जा सकता है।भारत में रंगोली बनाने की प्रथा काफी प्राचीन है। हर राज्य में विशेष मौकों और त्योहारों पर इसे बनाया जाता है।तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में हर खास मौके पर या यूं भी रंगोली सजाई जाती है। घर के दरवाजे पर महिलाएं एक से बढकर एक रंगोली बनाती हैं। दिवाली के शुभ मौके पर घरों को वंदनवार और फूलों से सजाया जाता है। इसी के साथ मां लक्ष्मी के आगमन पर उन्हें खुश करने के लिए रंगोली भी बनाई जाती है।पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भी द्वार पूजन की परम्परा प्राचीन काल से रही है। सत्यनारायण भगवान की कथा के दिन आटे से चौक पूरन की परम्परा आज भी है।
तो कैसे बनाएं रंगोली-
- सबसे पहले आपको चाक या आटे से जिस तरह को रंगोली आपको बनानी हैं उसकी आउटलाइन बनानी होगी
- फिर आपको बड़े ही सावधानी से उन आउटलाइन को रंगों से भरना होगा
- फिर आप अपने रंगोली को फूलों या दीयों से सजा सकते हैं….
नीचे कुछ उदाहरन से समझिये …
सुन्दर और साधारण फूलों के आकृति की रंगोली
कई सारे रंगों की रंगोली
मोर के डिजाइन की रंगोली काफी सुंदर लगती है। इसमें आप अपनी रचनात्मकता के हिसाब से ट्विस्ट भी डाल सकते हैं।
छलनी से डिजाईन की गयी रंगोली
दीयों से सजाई गयी रंगोली