फेफड़े को कौन नियंत्रित करता हैं – regulation of breathing

हम नॉर्मल 1 मिनट में 12 से 16 बार सांस लेते हैं, और सांस लेने में असल में हमारे फेफड़े से ज्यादा, हमारे डायाफ्राम और हमारी यह जो पसलियां है, यानी जो रिब केज है, इसके बीच में मौजूद जो muscles होते हैं, उनका ज्यादा रोल होता है. वही जब कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, तो यह अपने कॉन्ट्रैक्ट होने के साथ ही हमारे फेफड़ों का वॉल्यूम बढ़ा देते हैं और नाक के जरिए हमारा फेफड़ा अपने अंदर suck कर लेता है यानी अपने अंदर खींच लेता है।

देखिए हमारा यह जो सांस लेने का मेकैनिज्म है, असल में यह भी हमारे ब्रेन से ही कंट्रोल होता है। ब्रेन ऑटोमेटिकली ही बिना हमारे हस्तक्षेप के breathing को हमेशा चालू ही रहता है और हम voluntarily यानी अपने इच्छा से भी खुद से डीप बिल्डिंग वगैरह कर सकते हैं। लेकिन इसमें भी हमारा ब्रेन का ही रोल होता है।

क्या करते हैं इस article में बहुत ही शार्ट में हम यह जान लेते हैं कि हमारा brain आखिर हमारे रेस्पिरेशन को कंट्रोल कैसे करता है?? क्योंकि अगर हम इसके बारे में डिटेल में जानने लगेंगे तो 5000 words भी कम पड़ेंगे और और हम तो केवल बस नॉलेज के लिए इसके बारे में जान रहे हैं…

सांस को चलाने वाला दिमागी हिस्सा –

देखिए यह है हमारे ब्रेन का pons और यह है हमारे brain का medulla oblongata यही वह दो जगह हैं, ब्रेन में…. जहां से हमारा रेस्पिरेशन कंट्रोल होता है. देखिये हमारे pons और medulla oblongata में दो न्यूक्लियस है, जो कि बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है और यही रेस्पिरेशन को कंट्रोल करने वाले मम्मी पापा हैं। pneumotaxic center और apneustic center.

यह जो apneustic center और नीमोटैक्सिक सेंटर है दरअसल यह हमारे medulla oblongata में मौजूद दो न्यूक्लियस डोर्सल रेस्पिरेट्री ग्रुप और ventral रेस्पिरेट्री ग्रुप इन दोनों को कंट्रोल करते हैं और इन्हीं दो न्यूक्लियस से nerve जाकर जुड़ जाती है हमारे इंटरकोस्टल मसल्स और हमारे डायाफ्राम में और यहीं से हमारे ब्रीडिंग कंट्रोल होती है, देखिए कैसे ??

apneustic center कैसे काम करता हैं –

देखिए यह जो हमारा apneustic center होता है, यह सिग्नल भेजता है, हमेशा हमारे डायाफ्राम और इंटरकोस्टल मसल्स को contract होकर एयर को inhale करने के लिए, कैसे ??? ये apneustic center signal भेजता है, इन दोनों ventral respiratory group और dorsal respiratory group को। देखिये ये जो डोर्सल रेस्पिरेट्री ग्रुप होता है दरअसल यहीं से हम नॉर्मल रेट से breathing कर पाते हैं। dorsal respiratory group यह सिग्नल भेजता है हमेशा इनहेलेशन के लिए।

सेल्यूलर रेस्पिरेशन क्या है – cellular respiration in hindi

ये जो ventral respiratory group है, दरअसल यह expiration के लिए सिग्नल भेजता है। जब हम फोर्सफुली सांस लेते हैं, अपने मन से… तो यही ventral respiratory group ही हमें अपनी इच्छा से सांस लेने के लिए सिग्नल भेजता है। अब देखिए जब हम अंदर सांस भरते हैं, तब एक समय ऐसा भी आता है कि हमारा lungs अपने मैक्सिमम लिमिट तक पहुंच जाता है, उससे ज्यादा वह फूल नहीं पाता है। apneustic center फेफड़े को expand करके सांस अंदर भरने के लिए केवल 2 सेकंड के लिए ही सिग्नल भेजता है।

pneumotaxic center कैसे काम करता हैं –

उसके बाद सांस अंदर भर लेने के बाद तुरंत ही हमारा यह नीमोटैक्सिक सेंटर एक्टिवेट हो जाता है, 3 सेकंड के लिए… जो इन दोनों group of न्यूक्लियस को सिग्नल भेजता है और यह दोनों न्यूक्लियस डायाफ्राम और inter coastal muscle को सिग्नल भेजते हैं, रिलैक्स होने को… जिससे एयर धीरे-धीरे हमारे शरीर से बाहर निकल जाती है।

मुझे पता है, यह थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड है, पर इसको अगर आप समझ गए, तो बहुत ही ज्यादा आसान भी है। देखिए हमारे शरीर में कीमोरिसेप्टर, स्ट्रेच रिसेप्टर और barroreceptor होते हैं, जैसा इनका नाम हैं, कीमोरिसेप्टर, इसका काम ही  केमिकल को sense करना barroreceptor प्रेशर को sense करता है, और stretch receptor जब हमारे ब्लड में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का partial pressure घट बढ़ जाता है, या जब oxygen और co2 बैलेंस में नहीं रह जाते हैं। तब ये दोनों receptor इन दोनों nucleus को stimulate करके हमारे शरीर में breathing rate को घटा बढ़ाकर शरीर में oxygen और co2 को बैलेंस करते हैं। खास तौर पर कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन के कंसंट्रेशन और प्रेशर को।

इसी तरह स्ट्रेच रिसेप्टर भी सिग्नल भेजकर हमारे breathing को regulate करते है।

देखिए हमारा यह जो voluntarily breathing control है, दरअसल इसमें हमारा सेरेब्रल कॉर्टेक्स का role होता है। cerebral cortex से ही motor सिग्नल जाता है, हमारे pons और medulla oblongata में मौजूद इन न्यूक्लियस को, जहां से हमारा इच्छा से जो सांस लेने की क्रिया है, वह संचालित होती है।

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