भारत में आपको अगर अफीम की खेती करनी है तो आप को लाइसेंस लेना पड़ेगा. क्योंकि अफीम एक नशीला पदार्थ है. जिसका समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है. लेकिन फिर भी अफीम का भारत में कुछ दवाइयों को बनाने में और उसके साथ कुछ और जगहों पर इसका इस्तेमाल होता है. इसलिए भारत सरकार ने कुछ शर्तों के साथ भारत में लाइसेंस के आधार पर इसकी खेती को वैध बनाया है.
भारत में अगर अफीम की खेती करनी है तो उसके लिए आपको कुछ खास जगहों पर वह भी कुछ निश्चित मात्रा में जिसे किलोग्राम पर हेक्टेयर के हिसाब से नापा जाता है उसी के हिसाब से अफीम की खेती करनी पड़ेगी। और वह तो लाइसेंस के आधार पर ही निर्धारित होता है. जिसे भारत सरकार ही मुहैया करवाती हैं.
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चलिए इसी आधार पर हम आगे जानते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा खेती अफीम की कहां पर होती है. सबसे ज्यादा अफीम भारत में किस राज्य में उत्पादित किया जाता है…
अफीम का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य –
भारत में सबसे ज्यादा अफीम की खेती मध्यप्रदेश में की जाती है और भारत सरकार ने मध्य प्रदेश में अफीम की खेती के लिए लाइसेंस प्रोवाइड किया है. जिसमे फिक्स्ड 56 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ही अफीम की खेती मध्यप्रदेश में की जा सकती है. जो कि मध्य प्रदेश के थोड़ी सूखे जमीन पर लगने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है.
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मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा अफीम की खेती करने वाली जगहें हैं मंदसौर रतलाम और नीमच जैसी जगह. एक अनुमान के मुताबिक 2009 में भारत सरकार ने अफीम की खेती के लिए कुल 44,821 लाइसेंस जारी किए थे. दूसरे नंबर पर अफीम की खेती में राजस्थान राज्य आता है.
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जहां पर मध्य प्रदेश की तरह 56 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेती का लाइसेंस दिया जाता है. और राजस्थान में अफीम की खेती के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है प्रतापगढ़।
तीसरे नंबर पर अफीम की खेती के लिए जाना जाता है उत्तर प्रदेश। जहां 49 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अफीम की खेती का लाइसेंस दिया जाता है. उत्तर प्रदेश में अफीम की खेती बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, फैजाबाद जैसे जिलों में किया जाता है.