अफ्रीका महाद्वीप जो आज के समय में तीन करोड़ किलो मीटर स्क्वायर से भी ज्यादा बड़ा भूभाग है, वह शायद आने वाले दिनों में ऐसा ना रहे जैसा हमें वह आज दिख रहा है. जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी की ऊपरी परत जो कि होता है crust वह हमेशा मूवमेंट में रहता है, क्योंकि नीचे मेंटल की लेयर हमेशा मूव करती रहती है. इसी प्लेट मूवमेंट के कारण ही हमारा भारत देश अफ्रीका से टूटकर एशिया का हिस्सा बना था. पर लगता है कि बहुत जल्द एक और जमीन का टुकड़ा अफ्रीका से टूटकर अलग होने वाला है यानी अफ्रीका बहुत जल्द ही दो भागों में टूटने वाला है, चलिए जानते हैं पूरे बात को बहुत ही ढंग से.
प्लेट्स के मूवेमेंट से अलग हो रहा हैं अफ्रीका
जैसा कि आप जानते हैं कि धरती के ऊपरी सतह पर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स हमेशा मूवमेंट करते रहते हैं क्योंकि इन प्लेट के नीचे मेंटल हमेशा फ्लो करती रहती है. क्योंकि पृथ्वी के कोर से लावा ऊपर उठकर क्रस्ट से टकराकर नीचे दुबारा से कोर में पहुंचता रहता है और यह साइकिल चलती रहती है. इसी कारण से भूकंप भी आता है. बात करें अफ्रीका की तो अफ्रीका महाद्वीप में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग से एक जमीन का टुकड़ा अलग होकर अफ्रीका दो भाग में टूटने वाला है और एक नया महाद्वीप बनने वाला है. जानकारों की मानें तो आज से ढाई करोड़ साल पहले से ही अफ्रीका के पूर्वी भाग में दरार आना शुरू हो गया था और यहीं से इस नए महाद्वीप के निर्माण की नींव पड़ गई थी. अगर ये प्लेट अलग हो जाएंगे तो जो सबसे छोटा वाला भाग होगा उसे नाम दिया गया है सोमाली प्लेट का और उसमें बड़े वाले लैंड को नाम दिया गया है नूबियन प्लेट का. यह प्लेट यानी जो नया प्लेट जो अफ्रिका से अलग होने वाला है वह लगातार हर साल 6 एमएम तक पूर्व की ओर आगे बढ़ता चला जा रहा है या कहिये अलग हो रहा है. पर आने वाले 1 करोड़ साल में सोमाली प्लेट पूरी तरीके से अफ्रीका से अलग हो जाएगा.
अलग होकर कहा आएगा ये प्लेट
अब प्रश्न उठता है की अलग होने के बाद यह किस दिशा की तरफ बढेगा. तो आपको बताते चले कि यह प्लेट अलग होने के बाद साउथ ईस्ट दिशा की तरफ बढ़ रहा है, इसका मतलब करोड़ों साल बाद यह प्लेट भारत या इंडोनेशिया या उसके दक्षिण में कहीं मूव करके पहुंच जाएगा और आपको एक बहुत ही कमाल के बाद बताते चलें कि हाल ही के दिनों में पूर्वी अफ्रीका के देश इथियोपिया और कीनिया जैसे देशों में जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें अब आने भी लगे हैं, जो 50 फीट चौड़ी हैं और आने वाले दिनों में यह दरारें और भी बढ़ेंगे. पर आपको बताते चलें कि ये दरारें भी आपसे बहुत पहले से ही बनती चली आ रही है, इसे ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट का नाम दिया गया है और जाते जाते एक और बात जानते जाइए कुछ सालों में क्या कहिए कुछ लाख सालों में अफ्रीका भी यूरोप से जाकर जुड़ जाएगा क्योंकि अफ्रीका भी लगातार ऊपर की ओर यानी उत्तर दिशा की तरफ मूव करता जा रहा है.
यही जानकारी विडियो के रूप में लीजिये