दक्षिण भारत की गंगा (dakshin bharat ki ganga) – दक्षिण भारत एक पठारी जमीन वाली प्रदेश है. जहां पर ऊंची नीची भूमि मौजूद है.
साउथ इंडिया में पर्वत बहुत ज्यादा हैं. जैसे पूर्वी घाट के पर्वत और पश्चिमी घाट के पर्वत।
इसलिए दक्षिण भारत में उत्तर भारत के मुकाबले काफी कम जनसंख्या है.
लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तर भारत के तुलना में दक्षिण भारत में नदियों की संख्या थोड़ी ज्यादा है.
मेरा मतलब डेंसिटी से है. पर यह नदियां बहुत ही छोटी छोटी हैं. और सुखी सुखी हैं.
जो कि उत्तर भारत की बड़ी और हमेशा जलायमान रहने वाली नदियों की तुलना तो नहीं कर सकती।
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पर उत्तर भारत से किसी भी मुकाबले कम नहीं है. उत्तर भारत में तो कई सारी नदियां हैं छोटी-छोटी।
उत्तर भारत में 3000 किलोमीटर लंबी नदियां भी हैं. लेकिन दक्षिण भारत में नहीं है.
इसलिए प्रश्न तो उठता ही है कि दक्षिण भारत में इतनी सारी नदियों में से दक्षिण भारत की सबसे पवित्र नदी कौन सी है.
जिसे दक्षिण की गंगा नदी कहा जाता है चलिए जानते हैं बात को…
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दक्षिण भारत की गंगा –
जिस प्रकार उत्तर भारत में गंगा नदी पवित्र है और पूजनीय है. पूरे भारत में गंगा नदी में नहाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.
ठीक उसी तरह दक्षिण भारत में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में मौजूद गोदावरी नदी को भी पवित्र माना जाता है.
और उसी गोदावरी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है. गोदावरी नदी दक्षिण मध्य भारत में मौजूद है.
और यह दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी तो है. क्योंकि गोदावरी नदी 1465 किलोमीटर लंबी है.
लेकिन इसकी सहायक नदियां दक्षिण भारत के कई राज्य में फैली हुई हैं. जो कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना में है.
जो की दक्षिण मध्य भारत में सबसे ज्यादा उपजाऊ जमीन को बनाती हैं.
और इन्हीं नदियों के तट के आसपास ही दक्षिण मध्य भारत में सारी खेती का काम होता है.
इसलिए यह नदी उत्तर भारत की पवित्र नदी गंगा की तरह दक्षिण-मध्य भारत में वहां के जीवन के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है.
लेकिन कुछ जगहों पर कर्नाटक के कोडुगु क्षेत्र से निकलने वाली नदी कावेरी को भी दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है.