history of mumbai in hindi – मुंबई, आधुनिक भारत का सबसे प्रसिद्ध शहर, जहां मात्र 603 किलोमीटर स्क्वायर के छोटे से भूमि पर डेढ़ से दो करोड़ लोग रहते हैं.
आप शायद जानते होंगे कि मुंबई शहर को बहुत ही जतन और बहुत ही कड़े परिश्रम से बनाया गया है.
और जब यह बोला जा रहा है कि इस शहर को बहुत ही कठिन परिश्रम से बनाया गया है
तो इसका मतलब केवल इस शहर के समृद्धि से ही नहीं, बल्कि मुंबई शहर जिस भूमि पर मौजूद है,
उस भूमि की भी बात की जा रही है.
जी हां…. दोस्तों जिस भूमि पर मुंबई शहर स्थित है उस भूमि को मनुष्यों ने
अपने बड़े ही पुरुषार्थ से भारत की मुख्य भूभाग से जुड़ा है.
बिना समय गवाए आपको पूरी बात बताते हैं और
अगर आप ये बात नहीं जानते होंगे तो आप यह बात जानकर निश्चित ही रोमांचित हो उठेंगे.
पहले 7 आइलैंड्स के रूप में बटा हुआ था मुंबई
आज का मुंबई शहर पहले 7 आईलैंड्स के रूप में बटा हुआ था. नीचे इमेज में आप इन सात आईलैंड्स को देख सकते हैं.

यह सातों आईलैंड्स एक दूसरे से कनेक्ट नहीं थे और यहां पर आना जाना काफी मुश्किल था.
पुर्तगालियों ने बढाया यहाँ एक्टिविटी
ईसा से 300 साल से लेकर 15 वी शताब्दी तक यहां पर कई भारतीय राजाओं और मुस्लिम सुल्तान का शासन रहा.
लेकिन इतिहास में इन साथ आईलैंड का महत्व बढ़ गया, जब यहां पर पुर्तगाली लोग आए.
सन 1534 में पुर्तगाली लोगों ने मुस्लिम शासक हुमायूं और बहादुर शाह के साथ treaty of bassein साइन साइन किया।
और ठाणे के पास इन सात आईलैंड पर पुर्तगालियों ने अपना कब्जा जमा लिया.
उस समय इन सात आईलैंड पर इन्हीं मुस्लिम शासकों का शासन था. (history of mumbai in hindi)
पुर्तगालियों ने यहां पर रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म फैलाने का प्रयास किया और यहां कई चर्च बनवाएं.
पुर्तगाली लोग शुरुआत में तो पहले इन सात आईलैंड्स को कई नाम से बुलाया करते थे,
लेकिन पुर्तगालियों ने बाद में इसे bombaim का नाम दिया.
और समय के साथ इन सातों आईलैंड्स का नाम भी पड़ा. और इन सात आइलैंड्स का नाम पडा…
- कोलाबा
- लिटील कोलाबा
- बॉम्बे
- मजगांव
- वर्ली
- परेल
- माहिम
इंग्लैंड भी आंख गड़ाया हुआ था इन आइलैंड्स पर
लेकिन जिस समय पुर्तगाली लोग इन साथ आईलैंड्स पर राज कर रहे थे,
उस समय ब्रिटेन के लोगों का भारत के पूरे हिस्से पर कब्जा का प्रयास भी चल रहा था
और ब्रिटेन को इन सात आईलैंड्स की आवश्यकता थी, जो कि एक नेचुरल बंदरगाह की तरह था.
ब्रिटेन के लोग इन आईलैंड्स को पाने का प्रयास कर रहे थे.
इसी प्रयास में ब्रिटेन के लोगों ने अपने देश के राजकुमार चार्ल्स-2 की शादी का प्रस्ताव पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन ऑफ ब्रंगाज़ा को भेजा.
जो कि पुर्तगालियों ने स्वीकार कर लिया और दहेज में बॉम्बे के इन सात आईलैंड को इंग्लैंड को दे दिया. (history of mumbai in hindi)
उसके बाद बॉम्बे के सात आईलैंड इंग्लैंड के राजकुमार के हाथों लग गए
और इंग्लैंड के राजकुमार ने मुंबई के इन सात आईलैंड्स को ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी को
मात्र 10 पाउंड पर एनम के हिसाब से लीज पर दे दिया और यहीं से शुरू होता है मुंबई के निर्माण की कहानी.
इंग्लैंड ने शुरू की यहाँ आर्थिक गतिविधियाँ
इंग्लैंड के हाथों मुंबई के इन सात आईलैंड्स के आते ही, उन्होंने अपने कंपनी के हेड क्वार्टर को सूरत से मुंबई में शिफ्ट कर दिया।
और इतने बड़े कंपनी के हेड क्वार्टर यहां बनते ही यहां पर आर्थिक गतिविधियां भी शुरू हो गई और यहां पर जनसंख्या भी बहुत ही तेजी से बढ़ने लगी.
जनसँख्या बढ़ते ही बढने लगी जमीन की मांग
जनसंख्या की इतनी तेजी से बढ़ने के कारण कई सरकारी और प्राइवेट कंपनीज को यहां पर अपने
फैक्ट्रीज और ऑफिस खोलने के लिए जमीन की आवश्यकता पड़ने लगी.
और जमीन के इसी कमी को पूरा करने के लिए इंग्लैंड के गवर्नमेंट ने मुंबई के इन सात आईलैंड्स को जोड़ने का निर्णय लिया.
इन सात आईलैंड के बीच समुद्र का पानी छिछला और कम गहरा था,
इसीलिए इंग्लिश गवर्नमेंट ने इन सात आईलैंड्स के बीच एक नई जमीन बनाकर,
इसमें जमीन बढ़ाने का निर्णय लिया. इंजीनियरिंग की भाषा में इसी लैंड रिक्लेमेशन (Land Reclaimation) कहते हैं.
शुरू हुआ इन आईलैंड्स को जोड़ने का काम
1782 में बॉम्बे की गवर्नर विलियम होर्नबी (Willian Hornby) ने वर्ली आईलैंड के पास में सी वाल (sea wall) बनाने का आदेश दिया,
जिससे समुद्री टाइड से आईलैंड का बचा हुआ हिस्सा समुद्र में ना डूब जाए
और इसके बाद मुंबई के इन सात आईलैंड्स को जोड़ने का प्रयास शुरू हुआ.
इन सात आईलैंड के दरार और समुद्र में खाली जगहों को पत्थरों और कुछ ठोस मटेरियल से भरा गया. (history of mumbai in hindi)
सबसे पहले ठोस चट्टान की लेयर समुद्र के नीचे बिछाई गई. इस प्रोजेक्ट को hornby vellard project के नाम से जाना जाता है.
इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा का समय लगा.
1845 में मुंबई के इन सातों आईलैंड्स को जोड़ दिया गया और रूपरेखा तैयार हुआ आज के मुंबई का,
तब का मुंबई अब एक भूमि के रूप में प्रस्तुत हो चुका था. अब की मुंबई सिटी डिस्ट्रिक्ट (mumbai city district)
इन्ही आईलैंड से मिलकर बनी हुई है. यह साउथ मुंबई है,
उत्तर में मुंबई सब अर्बन डिस्ट्रिक्ट (mumbai sub-urban district) को मिलाकर पूरे मुंबई सिटी का गठन हुआ.
इसे सष्टि या सालसेट्टे आईलैंड (salsette island) के नाम से जाना जाता है.
1995 में बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई कर दिया गया और यह आज दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी आर्थिक केंद्र है.
जानकारी विडियो से लीजिये
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