bharat ka sabse lamba pul – भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जहां पर दुनिया का सबसे लंबा रोड नेटवर्क है और भारत में लम्बे पुल भी (longest bridge in india) हैं.
31 जनवरी 2019 भारत में 59 लाख 3 हज़ार 293 किलोमीटर की सड़कें हैं. जोकि 1.7 किलोमीटर रोड पर किलोमीटर स्क्वायर के हिसाब से बैठता है.
भारत के कुल क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो भारत की सड़कों के जाल का विस्तार जापान से, अमेरिका से, ब्रिटेन से, रूस से, ब्राजील से, चीन से बाकी सभी देशों से बहुत ज्यादा आगे हैं.
जापान में 1 किलो मीटर स्क्वायर के क्षेत्र में केवल 900 मीटर की सड़कें, अमेरिका में 980 मीटर की सड़कें और चीन ब्राजील और रूस की तो बात ही मत करो.
वह तो भारत से बहुत ही ज्यादा पीछे है. भारत में प्रति 1000 व्यक्ति पर 4.63 किलोमीटर रोड है. जो कि देखा जाए तो काफी पर्याप्त है.
भारत में रोड नेटवर्क की हालत 1995 के पहले बहुत ही ज्यादा खस्ता थी.
लेकिन 1995 के बाद भारत में सड़क निर्माण के काम में तेजी आया है.
और भारत 4 से 6 लेन की सड़कों को बनाने में अब तेजी ला रहा है.
भारत अपने दूरदराज के इलाकों को जोड़ने के लिए अच्छे से अच्छे सड़कों का निर्माण कर रहा है.
भारत पहाड़ों के अंदर सुरंग बना रहा है. नदियों के ऊपर लंबे लंबे पुल बना रहा है.
और इसके साथ ही भारत और भी समुद्र के ऊपर पुल बनाने भी लगा है.
जो भारत को दुनिया भर में आधुनिक तकनीक वाले क्षेत्र की तरफ बढ़ा रहा है.
भारत मे सड़कों का वितरण
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल 1,01,011 किलोमीटर नेशनल हाईवे की सडकें हैं.
और अगर राज्य स्तरीय सड़कों की बात करें तो, भारत में कुल 1,76,166 किलोमीटर स्टेट हाईवे मौजूद है.
जिले स्तर पर सड़कों की बात करें तो भारत में 5,61,940 किलोमीटर रोड जिले स्तर पर है.
और सबसे ज्यादा गांव की सड़कें हैं, जो 39,35,337 किलोमीटर है.
जो पूरे भारत में सड़कों का 70% से भी ज्यादा है. लेकिन आज का विषय यह है, कि भारत में इन सड़कों का निर्माण तो बहुत तेजी से चल रहा है.
संग ही संग भारत अपने दुरूह क्षेत्रों को लंबे लंबे नदी पर बने पुल उसे जोड़ रहा है.
और हमें यही जानना है कि भारत का सबसे लंबा पुल (longest bridge in india) कौन सा है. (bharat ka sbse lamba pul).
तो चलिए बिना समय गवाएं यह जानाना शुरू करते हैं…
ढोला सादिया पुल, असम (bharat ka sabse lamba pul)
ढोला सादिया पुल ब्रह्मपुत्र के सहायक नदी लोहित नदी पर बना हुआ भारत का सबसे लंबा पुल (longest bridge in india) है.
जो कि 9.5 किलोमीटर लंबा है. यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश को भारत के मुख्य भाग से जोड़ता है.
यह असम के ढोला और अरुणाचल प्रदेश के सादिया को सीधे तौर पर जोड़ता है.
यह पुल मुंबई में बने बांद्रा वर्ली सी लिंक से भी 30% ज्यादा बड़ा है.
इस पूल (longest bridge in india) के बन जाने से अरुणाचल प्रदेश जाने में अब लोगों को बहुत ही आसानी होगी.
क्योंकि अब अरुणाचल प्रदेश जाने में कुल 165 किलोमीटर की दूरी में कमी आई है.
और समय की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश जाने में रोड मार्ग से 5 घंटा कम समय लगेगा.
इस पुल को बनाने में 950 करोड रुपए का खर्चा आया है. और यह पुल 182 खंभों पर टिका हुआ है.

यह पुल 2011 में निर्माण होना शुरू हुआ था.
और इस पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पुल भूकंप के झटकों को भी बहुत ही आसानी से झेल सकता है.
सबसे ज्यादा फायदा भारतीय सेना को इस पुल के बन जाने से हुआ है.
क्योंकि अब इस पुल के बन जाने से सैनिक चीन की सीमा तक बहुत ही आसानी से जा सकते हैं.
इसे भूपेन हजारिका पुल के नाम से भी जाना जाता है.
सीकांग रिवर ब्रिज, अरुणांचल प्रदेश (2nd longest bridge in india)
अरुणाचल प्रदेश में सीकांग रिवर ब्रिज या जिसे दिबांग रिवर ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है.
भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल है, जो कि नदी पर बना हुआ है. यह पुल सीकांग नदी पर बना हुआ है.
और इस पुल का भारतीय सेना के लिए बहुत ही ज्यादा सामरिक महत्व है.
यह उत्तर पूर्व अरुणांचल प्रदेश को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ता है.
इस पुल की लंबाई 6,200 मीटर है. जो कि भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल (longest bridge in india) है.
नदी पर इस ब्रिज को “ट्रांस अरुणाचल हाईवे” के नाम से भी जाना जाता है.
यह अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग वैली डिस्ट्रिक्ट में आता है.
महात्मा गांधी सेतु, बिहार
महात्मा गांधी सेतु बिहार में गंगा नदी पर बना हुआ भारत का तीसरा सबसे बड़ा पुल है.
जो कि नदी पर बना हुआ है. यह पटना और हाजीपुर को जोड़ता है.
और राष्ट्रीय राजमार्ग 22 का हिस्सा है. इस पुल की लंबाई 5,750 मीटर है.
1972 में निर्माण होना शुरू हुआ गया पुल 1982 में जाकर पूर्ण हुआ.
इस पुल में हर 65 मीटर पर एक पिलर है. जो इस पुल को काफी मजबूत बनाता है.
लेकिन 80 के दशक में बना यह पुल अब पटना के लिए पर्याप्त नहीं है.
हर दिन स्कूल से 85,000 वाहन गुजरते हैं. और 12,000 लोग पैदल चलते हैं,
जोकि इस पुल पर काफी भार बना रहा है. (bharat ka sabse lamba pul)
बांद्रा वर्ली सी लिंक, मुंबई
मुंबई में बना बांद्रा वर्ली सी लिंक जिसे राजीव गांधी सीलिंग भी कहा जाता है.
भारत का चौथा सबसे बड़ा पुल है. यह मुंबई में बांद्रा और वर्ली को सीधे सड़क से जोड़ता है.
यह सड़क 8 लेन की सड़क है. और इस सड़क की कुल लंबाई 5.6 किलोमीटर है.
बांद्रा वर्ली सी लिंक समुद्र मे से 126 मीटर की ऊंचाई पर है. इस सड़क को बनाने में कुल 16 अरब रुपए से भी ज्यादा का खर्चा आया है.
यह पुल भारत में बना अपने आप में पहला पुल (longest bridge in india) है.
जो कि समुद्र में बना है वह भी इतने ज्यादा चौड़े सड़क के रूप में.
यह पुल वेस्टर्न फ्रीवे प्रोजेक्ट का ही एक हिस्सा है और यह नरीमन प्वाइंट को उत्तरी मुंबई शहर से सीधे तौर पर जोड़ता है.
जो कि मुंबई के विकास में एक पहिए की तरह काम कर रहा है.
बोगीबील पुल , असम
असम का बोगीबील पुल भारत का पांचवा सबसे बड़ा पुल है. जिसकी लंबाई 4.94 किलोमीटर है.
यह पुल एक कंबाइन पुल है, जिसमें रेलवे ट्रैक और रोड ट्रेक दोनों ही बना हुआ है.
और यह भारत के असम राज्य में स्थित है. यह भारत के असम राज्य के धीमाजी जिले में स्थित है. और डिब्रूगढ़ में भी इसका कुछ हिस्सा है.
यह पुल भारत के भूकंप वाले क्षेत्र में बना हुआ है. इसलिए यह पुल काफी मजबूत बना हुआ है.
और यह असम का दूसरा सबसे लंबा पुल (longest bridge in india) है.
यह पुल भी असम की ब्रह्मपुत्र नदी पर ही बना हुआ है.
यह पुल असम अरुणाचल के बॉर्डर से 20 किलोमीटर के दूरी पर ही स्थित है.